प्राथमिकता निर्धारण करते हुए हमें फिर चुनाव करना होता है कि पहले क्या करें, और बाद में क्या करना है और हमारे इसी छोटे-छोटे चुनावों पर हमारी जिन्दगी का रुख तय होता है, हमारे विचारों को दिशा मिलती है, और अंततः हमारे जीवन को नया आयाम मिलता है।
प्राथमिकता निर्धारण करते हुए हमें फिर चुनाव करना होता है कि पहले क्या करें, और बाद में क्या करना है और हमारे इसी छोटे-छोटे चुनावों पर हमारी जिन्दगी का रुख तय होता है, हमारे विचारों को दिशा मिलती है, और अंततः हमारे जीवन को नया आयाम मिलता है।