सच्ची स्वतन्त्रता क्या है?
आप का क्या मानना है?
क्या आप सच्ची स्वतंत्रता का सही अर्थ जानते है?
यह आप के लिए कितने मायने रखती है?
सच्ची स्वतंत्रता

सच्ची स्वतन्त्रता क्या है?
आप का क्या मानना है?
क्या आप सच्ची स्वतंत्रता का सही अर्थ जानते है?
यह आप के लिए कितने मायने रखती है?
जब हम अपने छोटे लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपना समस्त ध्यान और चेतना को केंद्रित करेंगे तो हम अपने पैटर्न्स (patterns) को सजग हो कर देखेंगे और पुरानी अनुपयोगी आदतों को छोड़ कर नई उपयोगी आदतों का निर्माण करेंगे जो हमें आगे आने वाले समय में हमारे जीवन-लक्ष्य और पृथ्वी-लक्ष्य को पाने के लिए सहायक होंगी।
आप सब कभी अपने लिए भी समय निकालें और अपनी पुरानी संकल्प-सूची (रेसोलुशन लिस्ट Resolution List) को निकाल कर देखें। कितने लक्ष्य लिखे थे पिछले वर्ष, कितने काम पुरे हुए और कितने अधूरे रह गए। अब भी समय है सजग हो कर या तो फिर से एक नई लम्बी सी लिस्ट बनाये जो दूसरों को दिखा कर या खुद बार -बार पढ़ कर खुश होते रहें या स्व:अवलोकन कर अपने आप को अपने हृदय से जोड़ें और एक नए आत्म-विश्वास के साथ केवल उन लक्ष्यों को अपने संकल्प -सूची में लिखें जो हमारे जीवन-लक्ष्य के साथ एकसार हो सकते है – तारतम्य बना कर, उन के साथ समायोजित हो सकते है।
(more…)“व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में सफलता या असफलता का एकमात्र सबसे महत्वपूर्ण कारक या निर्धारक हमारी आत्म-जागरूकता (सेल्फ़-अवेयरनेस) का स्तर है, जिस पर अभी तक कम से कम ध्यान दिया गया है ”
गोपीकृष्ण बाली
आत्म-जागरूकता (Self-Awareness) आपके विचारों, भावनाओं, कार्यों और स्वयं पर इसके प्रभाव और दूसरों पर भी इसके प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव को नोटिस करने की आपकी क्षमता और प्रतिभा है। निर्देशित आत्मनिरीक्षण के बाद निरंतर सेल्फ़-रिफ्लेक्शन (Self-Reflection) के माध्यम से उद्देश्य अवलोकन प्राप्त (introspection) किया जाता है।
जीवन की मुश्किलें, उन मुश्किलों की जटीलता में पहले उलझना, फिर उस उलझन को सुलझाना, और इसी तरह के अनंत चक्रों से रूबरू हो कर कब, कैसे धीरे-धीरे हमारे शरीर, मन, मष्तिक और आत्मा को तैयार किया जाता है – कभी ध्यान गया है इस बात पर। बड़ा विचित्र बात है पर जब भी समय मिले तो सोचना जरूर।