सच्ची स्वतन्त्रता क्या है?
आप का क्या मानना है?
क्या आप सच्ची स्वतंत्रता का सही अर्थ जानते है?
यह आप के लिए कितने मायने रखती है?
अभिव्यक्ति
पिता का आशीर्वाद
दुनियाँ की सब से बड़ी शक्ति है हमारे माता – पिता का, बड़ों का, गुरुजनों का, साधु सन्यासियों का और तपस्वी जनों का आशीर्वाद। आज की कहानी का उद्देश्य और समझ यही है कि कैसे हम अपनी शब्दों के पीछे की शक्ति को समझें और उसे कई गुना बढ़ा कर अपने जीवन को आनन्दित बनायें। आप भी प्रयास | अभ्यास और विश्वास द्वारा अपने शब्दों के साथ अपनी भावना को जोड़ कर अपने मंशा को सब के भले के लिए उपयोग कर सकते है। ~ गोपी कृष्ण बाली
समृद्धि संकल्प
अब जब जीवन को कार्यक्षेत्र में, अपने निजी जीवन में , रिश्तों में जा के अनुभव किया कि पतंग उड़ाने के सभी छोटी – छोटी सीख असली जीवन में भी बहुत सटीक उतरती है। आप को क्या लगता है ? सच्ची बात है कि नहीं?
मन के साधक बने
मन को नमन या अमन कैसे करें ?
भाव का अभाव
आनन्दित जीवन के लिए अपने सच्चे भाव को अपने सकारात्मक विचारों के साथ जोड़ें और जुड़ें इस आनन्दित अभिव्यक्ति की अनुभव आनन्द यात्रा में। ~गोपीकृष्ण बाली
बदला या बदलाव
आप की सोच क्या कहती है? बदला या बदलाव? सब हमारी मानसिकता पर निर्भर करता है। यहीं पर हमें अपने विचारों को जान कर, अपने मन को पहचान कर, अगर गलत दिशा में जा रहा है तो सजगता से – सतर्कता से अपनी सोच को और विचारों की दिशा को बदलना होगा। दिशा बदली तो दशा जरूर बदलेगी। दशा बदली तो कर्म बदलें जायेंगे और बदलते कर्मों से हमारे व्यवहार को बदलना होगा – कार्यशैली में बदलाव होगा।
प्रयास | अभ्यास | विश्वास
हमारे जीवन में कोई भी घटना, अच्छी या कठिन, घटती है तो उस के पीछे जरूर एक सन्देश, एक सीख छुपी होती है। अपनी सोच और धायण को सिर्फ केंद्रित करना है उस नई सीख पर, नए अनुभव द्वारा अपने विकास पर, और कैसे हम उस नई जानकारी को अपने जीवन-लक्ष्य के लिए प्रयोग, उपयोग कर सकते है।
प्रयास | अभ्यास | विश्वास द्वारा आनन्द अनुभव किया जा सकता है। अपने जीवन लक्ष्य को जाने, पहचाने और उसे प्राप्त करने के लिए अपने क्षमताओं का विकास करें।
आरम्भ
भाव और मंशा सिर्फ एक कि हम सब अपने इस अद्भुत जीवन को एक नए सकारात्मक दृष्टिकोण से, एक नए अंदाज से, इस की अतुलित आनन्दित, असीमित क्षमताओं के साथ भरपूर जियें। ~ गोपीकृष्ण बाली
आत्म जागरूकता (Self-Awareness)
आत्म-जागरूकता (Self-Awareness) आपके विचारों, भावनाओं, कार्यों और स्वयं पर इसके प्रभाव और दूसरों पर भी इसके प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव को नोटिस करने की आपकी क्षमता और प्रतिभा है। निर्देशित आत्मनिरीक्षण के बाद निरंतर सेल्फ़-रिफ्लेक्शन (Self-Reflection) के माध्यम से उद्देश्य अवलोकन प्राप्त (introspection) किया जाता है।
आत्म – निर्भरता
कुछ कहानियाँ ऐसी होती है जो जीवन के महत्वपूर्ण प्रश्नों का ज़वाब बहुत सरलता के साथ दे देती है तो कुछ कहानियाँ ऐसी होती है जिस को सुना तो बहुत पहले होता है पर समझ देर से आती है। आज की कहानी बचपन में अपनी माँ से सुनी थी, कई बार अपनी ट्रेनिंग में भी इस्तेमाल किया – अपनी बात को समझने के लिए, पर शायद अपने आप को नहीं समझाया कि यह सीख अपने पर भी लागू होती है। प्रस्तुत है वह कहानी जो आज मेरे लिए बहुत प्रासंगिक हो गई है।