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अद्भुत जीवन अभिव्यक्ति आनंद स्व:आरम्भ

भाव का अभाव

भाव का अभाव | जीवन लक्ष्य - प्रयास | अभ्यास | विश्वास द्वारा आनन्द अनुभव

आनन्दित जीवन के लिए अपने सच्चे भाव को अपने सकारात्मक विचारों के साथ जोड़ें और जुड़ें इस आनन्दित अभिव्यक्ति की अनुभव आनन्द यात्रा में। ~गोपीकृष्ण बाली

प्रयास | अभ्यास | विश्वास द्वारा आनन्द अनुभव - आनन्दित अभिव्यक्ति का अनुभव
अभिव्यक्ति आत्म परिवर्तन स्व:आरम्भ

बदला या बदलाव

आप की सोच क्या कहती है? बदला या बदलाव? सब हमारी मानसिकता पर निर्भर करता है। यहीं पर हमें अपने विचारों को जान कर, अपने मन को पहचान कर, अगर गलत दिशा में जा रहा है तो सजगता से – सतर्कता से अपनी सोच को और विचारों की दिशा को बदलना होगा। दिशा बदली तो दशा जरूर बदलेगी। दशा बदली तो कर्म बदलें जायेंगे और बदलते कर्मों से हमारे व्यवहार को बदलना होगा – कार्यशैली में बदलाव होगा।

गोपी कृष्ण बाली
अद्भुत जीवन अनुभव अनुभूति अभिव्यक्ति आधार आनंद स्व:आरम्भ

आरम्भ

भाव और मंशा सिर्फ एक कि हम सब अपने इस अद्भुत जीवन को एक नए सकारात्मक दृष्टिकोण से, एक नए अंदाज से, इस की अतुलित आनन्दित, असीमित क्षमताओं के साथ भरपूर जियें। ~ गोपीकृष्ण बाली

Know Your Self First
आत्म चिंतन आत्म बोध स्व:आरम्भ

क्या आप अपने को जानते हैं – पहचानते हैं ?

“व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में सफलता या असफलता का एकमात्र सबसे महत्वपूर्ण कारक या निर्धारक हमारी आत्म-जागरूकता (सेल्फ़-अवेयरनेस) का स्तर है, जिस पर अभी तक कम से कम ध्यान दिया गया है ”

गोपीकृष्ण बाली
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Self-Awareness | First step towards Abundance Point and Being BLISS
अतुलित आनंद अद्भुत जीवन अनुभव अनुभूति अभिव्यक्ति आत्म चिंतन आत्म परिवर्तन आत्म प्राप्ति आत्म बोध आत्म-प्रेरणा आधार आनंद स्व:आरम्भ

आत्म जागरूकता (Self-Awareness)

आत्म-जागरूकता (Self-Awareness) आपके विचारों, भावनाओं, कार्यों और स्वयं पर इसके प्रभाव और दूसरों पर भी इसके प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव को नोटिस करने की आपकी क्षमता और प्रतिभा है। निर्देशित आत्मनिरीक्षण के बाद निरंतर सेल्फ़-रिफ्लेक्शन (Self-Reflection) के माध्यम से उद्देश्य अवलोकन प्राप्त (introspection) किया जाता है।

The Gopi Krishan - Go Phi
अद्भुत जीवन स्व:आरम्भ

गोपी कृष्ण बाली ‘GoPhi’

प्रत्येक संगठन, या ब्रांड ज़्यादातर एक दृश्य छवि, एक लोगो, एक स्लोगन या एक पंच लाइन द्वारा पहचान प्राप्त करते हैं जो उनकी विचारधारा, वैचारिक मूल्य प्रणाली या सोच की गहराई और गुणवत्ता का प्रतिनिधित्व और प्रतिबिंबित करता है।

हम भी अपने लिए या अपने व्यक्तित्व के लिए एक छवि या संरचना क्यों नहीं बनाते ??

Being BLISS Maters Series- The Abundance and Bliss Point
Passion अनुभव आत्म चिंतन

जिज्ञासा

जीवन की मुश्किलें, उन मुश्किलों की जटीलता में पहले उलझना, फिर उस उलझन को सुलझाना, और इसी तरह के अनंत चक्रों से रूबरू हो कर कब, कैसे धीरे-धीरे हमारे शरीर, मन, मष्तिक और आत्मा को तैयार किया जाता है – कभी ध्यान गया है इस बात पर। बड़ा विचित्र बात है पर जब भी समय मिले तो सोचना जरूर।

आत्म – निर्भरता Self-Reliance
अनुभव अभिव्यक्ति स्व:आरम्भ

आत्म – निर्भरता

कुछ कहानियाँ ऐसी होती है जो जीवन के महत्वपूर्ण प्रश्नों का ज़वाब बहुत सरलता के साथ दे देती है तो कुछ कहानियाँ ऐसी होती है जिस को सुना तो बहुत पहले होता है पर समझ देर से आती है। आज की कहानी बचपन में अपनी माँ से सुनी थी, कई बार अपनी ट्रेनिंग में भी इस्तेमाल किया – अपनी बात को समझने के लिए, पर शायद अपने आप को नहीं समझाया कि यह सीख अपने पर भी लागू होती है। प्रस्तुत है वह कहानी जो आज मेरे लिए बहुत प्रासंगिक हो गई है।