बेहतर होगा कि आप अपना सारा ध्यान केवल उन लोगों पर, उन विचारों पर या वस्तुओं पर केंद्रित करें जो आनंद को बढ़ाने में, स्थिर करने में सहायता करती हैं जो आप के लिए, आप के जीवन-लक्ष्य के लिए मायने रखते हैं, और अपना ध्यान उन सब से विकेंद्रित करें – हटा दे या उन विचारों / चीजों को त्याग दें जिनका कम या कोई महत्व नहीं है आपके जीवन – लक्ष्य को पूरा करने के लिए।
आत्म परिवर्तन
हमारे निर्णयों का शृंखलाबद्ध प्रभाव
प्राथमिकता निर्धारण करते हुए हमें फिर चुनाव करना होता है कि पहले क्या करें, और बाद में क्या करना है और हमारे इसी छोटे-छोटे चुनावों पर हमारी जिन्दगी का रुख तय होता है, हमारे विचारों को दिशा मिलती है, और अंततः हमारे जीवन को नया आयाम मिलता है।
समृद्धि संकल्प
अब जब जीवन को कार्यक्षेत्र में, अपने निजी जीवन में , रिश्तों में जा के अनुभव किया कि पतंग उड़ाने के सभी छोटी – छोटी सीख असली जीवन में भी बहुत सटीक उतरती है। आप को क्या लगता है ? सच्ची बात है कि नहीं?
बदला या बदलाव
आप की सोच क्या कहती है? बदला या बदलाव? सब हमारी मानसिकता पर निर्भर करता है। यहीं पर हमें अपने विचारों को जान कर, अपने मन को पहचान कर, अगर गलत दिशा में जा रहा है तो सजगता से – सतर्कता से अपनी सोच को और विचारों की दिशा को बदलना होगा। दिशा बदली तो दशा जरूर बदलेगी। दशा बदली तो कर्म बदलें जायेंगे और बदलते कर्मों से हमारे व्यवहार को बदलना होगा – कार्यशैली में बदलाव होगा।
आत्म जागरूकता (Self-Awareness)
आत्म-जागरूकता (Self-Awareness) आपके विचारों, भावनाओं, कार्यों और स्वयं पर इसके प्रभाव और दूसरों पर भी इसके प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव को नोटिस करने की आपकी क्षमता और प्रतिभा है। निर्देशित आत्मनिरीक्षण के बाद निरंतर सेल्फ़-रिफ्लेक्शन (Self-Reflection) के माध्यम से उद्देश्य अवलोकन प्राप्त (introspection) किया जाता है।