गोपी कृष्ण बाली

पूर्ण आनंद | परम सुख;
यानि पूर्ण संतोष और पूर्ण सुख की स्थिति में पहुँचाना,
बाकी सब से बेखबर हमारी अतुलित आनंदित अवस्था

~ गोपी कृष्ण बाली ~

आनंद क्या है?

आनंद की परिभाषा पूर्ण सुख व् परकाष्ठा परम आनंद की स्थिति है। चलिए इसे समझने का प्रयास करते है।

हमारे रोज़ाना के जीवन में भी हम होश पूर्वक या अनजाने में एक अनोखा अहसास, एक प्यारी सी अनुभूति को कभी-कभी महसूस करते है, उदाहरण लें तो जैसे आप जब अपना पसंदीदा कार्य करते है जिसे करते हुए आप समय, स्थान, स्थिति और स्वयं को भी भूल जाते हैं। जिसे करते हुए आप को पूर्ण सन्तोष, एक पूर्णता का अहसास और अंदरूनी सुख का अनुभव होता है, वह भाव ही आनंद है। और जब उस काम के साथ अन्य सभी लोगों का भला होना भी जुड़ जाता है तो वही सुख परम सुख और आनंद परम आनंद में परिवर्तित हो जाता है।

Being BLISS is to Explore, Experience & Express Infinite Abundance & Permanent Happiness continuously, consciously, creatively and curiously while cultivating joy, love, peace and bliss for all.

GopiKrishan BaliTheSource @BeingBliss

Register Opening soon for Being BLISS Masters Series : Finding Your BLISShttps://Bliss.circlex.in

The Source

The Source (Founder - CEO)
CircleX.in | Centre of Excellence for
Holistic Well-Being in Life & Work

आपको यह भी पसंद आ सकता हैं...