जीवन की मुश्किलों से भरी ख़ोज का अनुभव
जीवन की मुश्किलें, उन मुश्किलों की जटीलता में पहले उलझना, फिर उस उलझन को सुलझाना, और इसी तरह के अनंत चक्रों से रूबरू हो कर कब, कैसे धीरे-धीरे हमारे शरीर, मन, मष्तिक और आत्मा को तैयार किया जाता है – कभी ध्यान गया है इस बात पर। बड़ा विचित्र बात है पर जब भी समय मिले तो सोचना जरूर।
जब मैंने इस कोरोना काल की अवधि में सोचा तो अनेक प्रश्न उठे और जब उन प्रश्नों का उत्तर ढूँढने का प्रयास किया तो और भी ज्यादा प्रश्न उठे।
- यह मुशिकलें क्यों आती हैं ?
- मेरे को ही क्यों?
- क्या मैं ही मिलता हूँ सब मुश्किलों को?
- सब एक बार मे ही क्यों नहीं सुलझ जाता?
- अब मैं क्या करूँ ??
जीवन अनुभव | यह अनुभव बड़ा विचित्र है। पहले लगता है, शरीर ही अनुभव कर रहा है। फिर ऐसा महसूस होता है की मन कर रहा है यह अनुभव। अंतः शरीर और मन से ऊपर उठ कर एक आंतरिक अनुभव का सुखद अहसास होता है।
स्व: का अनुभव – अपने आप को जानना, अपने होने का अनुभव करना। बहुत ही आनंद से भरा होता है यह अनुभव के क्षण। एक अतुलित आनंद , आत्मन को राहत देता स्व:अनुभव। एक सजग – समग्र पूर्ण होने का अहसास। जितना ज्यादा समय आप इस में रहेंगे उतना अधिक यह आप को आनंदित करता रहे गा और आप के पूर्ण व्यक्तित्व को अपने अंदर समां लेगा।
बात मात्र अनुभव के आनन्द की नहीं है – असलियत में आप के द्वारा व्यक्त होने की है। व्यक्ति जो ख़ोज करने निकला था – वह तो समां गया इस अनुभव के अन्दर – वह व्यक्ति विशेष तो बचा ही नहीं। खोजी ही गायब हो गया तो क्या ख़ोज भी समाप्त हो गई। अब इसे खोज का समाप्त होना कहेंगे या खोज पूरी होना कहेंगे – आप स्वयं तय करें।
अब प्रश्न यह उठता है की जब खोजी ही नहीं रहा तो शेष क्या बचा?
शेष रहा एक नया अहसास, एक नई दृष्टि – एक नया दृष्टिकोण, एक नया अनुभव। जो नया होते हुए भी अपना सा लगता है, जाना-पहचाना सा लगता है।
स्व:, स्व: के होने का अनुभव, अनुभव द्वारा,
अनुभव से अनुभव करता है।
आप अपनी ही लीला की लीला में आनंद ले रहें है, अपने को जान रहें है, अपने को पहचान रहें है, और सखी भाव से, साक्षी भाव से, सहज भाव से, सजग और समग्र होने का आनंद महसूस करते हुए अद्भुत जीवन को जी रहें है।
इस लिए जिज्ञासा को शान्त न होने दें बल्कि इस को पूर्ण करने के लिए अग्रसर हो, तत्पर रहें। यही जिज्ञासा ख़ोज को शुरू करेगी और स्व:अनुभव को प्रकट करेगी।
प्रयास – अभ्यास – विश्वास मिलता है आनन्द के अनुभव का अनुभव 🙂