स्वतंत्र होना, आज़ाद होने का मतलब यह नहीं है कि आप जो करना चाहते है – वह करें, जो मर्जी बोलना चाहते है – वह बोलें या जो कुछ भी आप करें या जैसा भी काम करना चाहे या जिस भी तरीके से रहें कोई रोक-टोक न हो – कोई अंकुश न हो। जीवन पूर्णता: निरंकुश – बिना किसी व्यवधान के, प्रतिरोध के। न कोई विरोध, न कोई विपक्ष, न कोई विपरीत सोच या विचारधारा – सब कुछ आप के अनुसार हो।
सच्ची स्वतंत्रता – पूर्ण आज़ादी एक आंतरिक अवस्था है जो आप की मनस्थितिः, भावना और विचारों का आपसी समन्वय – एक सुन्दर अभूतपूर्व तालमेल जो आप के कार्य करने की अभिव्यक्ति को प्रभावित कर आप के परम व्यक्तित्व को दर्शाती है । असली आज़ादी – सम्पूर्ण स्वतंत्रता का सही अर्थ आप तब जान पाते है जब आप अपने को पहचान कर, अपने होने का अहसास को जान कर, उस का सम्मान कर, अपने सर्वोत्तम विचारों को भावपूर्ण तरीक़े से, अपने द्वारा होनेवाले कार्यों के द्वारा अभिव्यक्त ते है। स्व: की सच्ची व सम्पूर्ण अभिव्यक्ति ही सच्ची स्वतंत्रता है।
१५ अगस्त १९४७ को हमारा राष्ट्र स्वतंत्र हुआ था जिसे हम प्रत्येक वर्ष एक राष्ट्रपर्व की तरह मानते है। करीब २०० वर्ष की अमानवीय यातनाओं को सहने के बाद, लाखों सच्चे भारतियों की बलिदानी के बाद, हम ने अपने राष्ट्र को ब्रिटिश मक्कारों के चुंगल से मुक्त कराया। हर वर्ष १५ अगस्त को हम उन्हीं शहीदों के हौंसले को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते है जिन्होंने अपने प्राणों की, तन-मन-धन परिवारों की आहुति दे कर हमें स्वतंत्र भारत दिया।
सच्ची स्वतन्त्रता क्या है?
आप का क्या मानना है?
आप के अनुभव से सच्ची आजादी या सच्ची स्वतंत्रता यानी क्या? क्या मायने रखती है यह आप के जीवन में ? ज़्यादातर लोगों का यह मानना है कि स्वतंत्र होना यानि अपने आप की सोच रखना, अपने अनुरूप अपने निराले अन्दाज़ से जीवन जीना। अपने (स्व:आधारित) लक्ष्य को पाना – बिना किसी व्यवधान के, बिना कोई विरोध के या फिर अपने बातों (विचारों) को खुलेपन से – खुले मन से रखना – बेरोकटोक। सब निर्विरोध – चाहे वह जीवन जीना हो या कामकाज़ करना – सब निरंकुश !
आप का क्या मानना है? क्या आप जो मानते है -उसे जानते भी है ?
क्या आप भी अपने कार्य या जीवन को स्व: परभाषित स्वतंत्रता को सही मान कर उस पर अड़िग रहना चाहते है?
या सच्ची स्वतंत्रता को जान कर, मान कर, अपने को पहचान कर, फिर उस पहचान को अपनाकर, एक पूर्ण स्वतंत्र सजग नागरिक बन कर एक नई सोच – एक नए अनुभव को अपनाने के लिए मानसिक रूप से , शारीरक रूप से और भावनातमक रूप के साथ-साथ सामाजिक रूप से भी तैयार हैं।
चलिए हम सब मिलकर इस प्रश्नों का सही हल खोजतें है। सच्ची स्वतंत्रता के कितने भी आयाम, प्रश्नचिन्ह, व्यक्त-अव्यक्त बिन्दु या परिभाषाएँ है उन पर प्रयत्न कर, पूर्ण अवलोकन कर, सत्य को पाने का प्रयास – अभ्यास – और विश्वास से चिन्तन – मनन करते है।
उस स्वतंत्र सच्चाई पर पूर्ण विश्वास से जीवन जीने का आनंद लेते हुए – एक सच्चे स्वतंत्र मानव की जिंदगी – एक सजग नागरिक – एक सच्चे भारतीय होने का आनन्द मार्ग है।
क्या आप भी इस यात्रा में साथ चलने के लिए तैयार है?
चलिए शुभारम्भ करते है। Let’s Start!