दुनियाँ की सब से बड़ी शक्ति है हमारे माता – पिता का, बड़ों का, गुरुजनों का, साधु सन्यासियों का और तपस्वी जनों का आशीर्वाद। आज की कहानी का उद्देश्य और समझ यही है कि कैसे हम अपनी शब्दों के पीछे की शक्ति को समझें और उसे कई गुना बढ़ा कर अपने जीवन को आनन्दित बनायें। आप भी प्रयास | अभ्यास और विश्वास द्वारा अपने शब्दों के साथ अपनी भावना को जोड़ कर अपने मंशा को सब के भले के लिए उपयोग कर सकते है।
~ गोपी कृष्ण बाली
अद्भुत जीवन अभिव्यक्ति