प्रिय मित्रों, नमस्ते!
जिन्दगी ने नववर्ष २०२२ में प्रवेश कर लिया है और जैसा की हर कैलेंडर वर्ष (Calendar Year) के अंत में होता है, जो एक रिचुअल सा बन गया है, वह है अपने नववर्ष के संकल्प सूची को बनाना। आप ने इस नए साल के लिए अपने नए संकल्प (रेसोलुशन resolution) को बनाना शुरू कर दिया होगा। बहुत से लोग तो बहुत बड़ी – बड़ी लिस्ट बना कर अपने नव वर्ष की शुरुआत करते है (पहले मै भी इन लोगों की भीड़ में शामिल था ) और फिर कुछ दिन, कुछ सप्ताह बड़े उत्साह से उस पर काम करते थे और फिर भूल जाते थे – पता ही नहीं होता था कि कहाँ रखी है वो लिस्ट।
मात्र वर्ष-संकल्प (वार्षिक रसोलूशन्स yearly resolution) लिख लेने से, अपने जीवन का काया-कल्प तो हुआ नहीं परन्तु मन थोड़ा और मनचला बन गया, चालाक हो गया और फिर एक बार हमें चकमा दे गया। हम फिर अपने-अपने पैटर्न्स के साथ अपनी पुरानी ढर्रे वाली जिंदगी की भाग-दौड़ में एक मशीनी अंदाज से अपने जीवन-लक्ष्य को भूल गए और लोगों द्वारा चिपकाये या अपनी कम्पनी के, अपने सीनियर्स के नियंत्रण में, उन के दिशा अनुसार व्यर्थ भागम-भाग में लग गए। जब किसी ने पूछ भी लिया कि क्या हुआ उस लक्ष्य का तो मन हाज़िर हो गया कुछ बहाने ले कर या किसी अन्य पर दोष मँढ़ने के लिए।
निरन्तर मनन – चिन्तन के बाद, अनेक प्रयास और अभ्यास के बाद कुछ केन्द्र -बिन्दु पकड़ में आये है। आज का समय उपयुक्त है उन को आप के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए।
आत्म-चिन्तन के लगातार प्रयासों से यह जाना कि अभी तक जो लक्ष्य बनाये थे वह मेरे जीवन-लक्ष्य के साथ मेल नहीं करते थे, यहाँ तक की कुछ तो सिर्फ अच्छा दिखने के लिए, या दुनियाँ की वाह-वाही लूट लेने के लिए, तो कुछ अपने तत्कालीन कार्यक्षेत्र को ध्यान में रख कर निश्चित किये जाते थे और उन सब में ज़्यादातर मन से वशीभूत लक्ष्य थे। जो दिल की बात थी, जो लक्ष्य यथार्थ में मेरे अपने जीवन-लक्ष्य थे उन को अनचाहे में पीछे धकेल दिया गया था। इस पूरी प्रक्रिया के पश्चात यह स्पष्ट हुआ कि क्यों विचारों का, भावों का, और कर्मों का एकतार होना, एकसार होना पहला कदम है, आनन्दित जीवन यात्रा के लिए।
आप सब कभी अपने लिए भी समय निकालें और अपनी पुरानी संकल्प-सूची (रेसोलुशन लिस्ट Resolution List) को निकाल कर देखें। कितने लक्ष्य लिखे थे पिछले वर्ष, कितने काम पुरे हुए और कितने अधूरे रह गए। अब भी समय है सजग हो कर या तो फिर से एक नई लम्बी सी लिस्ट बनाये जो दूसरों को दिखा कर या खुद बार -बार पढ़ कर खुश होते रहें या स्व:अवलोकन कर अपने आप को अपने हृदय से जोड़ें और एक नए आत्म-विश्वास के साथ केवल उन लक्ष्यों को अपने संकल्प -सूची में लिखें जो हमारे जीवन-लक्ष्य के साथ एकसार हो सकते है – तारतम्य बना कर, उन के साथ समायोजित हो सकते है।
जब इस प्रयोग के अनुसार काम किया तो एक नया अनुभव, एक नए विश्वास के साथ, एक उच्च चेतना के स्तर पर उपस्थित हो कर एक नया संकल्प को लेना हुआ जो बहुत सुखद अनुभव रहा। इस का परिणाम यह हुआ की मेरे वर्ष २०२२ के संकल्प मेरे पूर्ण जीवन-लक्ष्य संकल्प के साथ तालमेल बना रहें है।
दोनों की दिशा एक है, मंतव्य एक है, गंतव्य भी एक है। समझ मिली कि अगर हमारा जीवन-लक्ष्य स्पष्ट है तो वर्ष-लक्ष्य बनान आसान होगा, परन्तु अभी तक यदि हम ने अपने जीवन-लक्ष्य को पक्का नहीं किया, उस के बारे में सोचा भी नहीं, या उस को बिलकुल स्पष्टता (क्लैरिटी clarity) के साथ लिखा नहीं या चित्रित नहीं किया, चित्र द्वारा प्रकट (विसुअलिज़े visualize ) नहीं किया तो बहुत संभव है कि हम उसे या तो भूल जाएँगे या दूसरों के प्रभाव में आ कर अपनी दिशा बदल देंगे और अनजाने में अपने जीवन-लक्ष्य के विपरीत चलना शुरू कर देंगे।
एक और महत्वपूर्ण बिन्दु जो उभर कर सामने आया कि क्या मेरा लक्ष्य, मेरे जीवन-लक्ष्य के साथ मेरे राष्ट्र-लक्ष्य और मेरे पृथ्वी-लक्ष्य के साथ भी मेल रखता है कि नहीं। ये मेरे लिए तो स्व:अनुभूति के क्षण थे और एक नए आयाम के खिलने-खुलने का आनंदमय अनुभव था। तब यह समझ प्रकट हुई कि हम सब एक चिंगारी है उस सदैव ज्वलन्त स्रोत (सोर्स source) की और यह जीवन, यह परिवार, यह समाज, यह प्रदेश, यह देश, यह विश्व और यह ब्रह्मांड – पूरी सृष्टि के प्रति भी मेरा एक दायित्व है और जहाँ तक संभव हो मेरे जीवन-लक्ष्य को मेरे राष्ट्र-लक्ष्य और पृथ्वी-लक्ष्य के साथ भी ताल-मेल में रहना होगा। जब ऐसा होगा तब सृष्टि की सभी शक्तियाँ मेरे लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए प्रकट होकर एक नई सकारात्मक ऊर्जा को विकसित करेगी और तब सब लक्ष्यों को पूरा करना स्वमेव एक आनन्द अनुभव होगा।
आप को क्या लगता है ?
क्या मेरी मंशा आप को कुछ जानी-पहचानी सी, अपनी सी लगती है ?
क्या यह संभव है कि हम अपने अपने वर्ष-लक्ष्य को अपने जीवन-लक्ष्य के साथ जोड़ें और उन्हें अपने राष्ट्र-लक्ष्य और पृथ्वी-लक्ष्य के साथ समन्वय कर, एकसार कर अतुलित आनन्द का अनुभव करते हुए अपनी आनंद-यात्रा (जीवन) को पूर्ण करें?
समय है अभी – जरा ध्यान दें अपने स्वयं के लक्ष्य पर। सब आयामों की कसौटी पर वह खरा उतरता है या नहीं। अब भी समय है अपनी जाने – अनजाने में हुई कमियों को दूर करने की और एक स्पष्ट, स्वस्थ, सक्ष्म और आनन्दित जीवन जीने की।
अगर आप को यह मुश्किल लग रहा है, या कुछ और प्रश्न उठ रहें है आप के मन से, दिल से, उन्हें निडर हो कर पूछें या फिर प्रतीक्षा करें मेरे अगले लेख का और उस के बाद आनन्द-कार्यशाला (बीइंग ब्लिस वर्कशॉप BeingBliss Workshop) का जिस में हम सब मिल-कर अपने अपने विचारों को साँझा करेंगे और अपने-अपने जीवन-लक्ष्य को कैसे सहजता से, सरलता से प्राप्त कर सकते है इस पर मिल कर काम करेंगे।
इस अनुभव आनन्द भरी यात्रा में आप का सहयोगी और सहयात्री
गोपी कृष्ण बाली
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