प्रिय साथियों, नमस्ते
मुझे आज बहुत आनंद का अनुभव हो रहा है क्योंकि आज के शुभ दिन पर मेरे जीवन के अद्भुत अनुभवों को, प्रयोग और उन प्रयोगों से प्राप्त ज्ञान, विज्ञान, प्रज्ञा- प्रज्ञान को आप सब के साथ साँझा कर रहा हूँ।
आज का दिन विशेष इसलिए भी है क्योंकि आज हिंदी दिवस भी है, बहुत दिनों से मन को लगता था कि क्यों हम बिना किसी वज़ह के इंग्लिश को अंधा-धुंध अपने निजी जीवन की भाषा बना लेते है जबकि इस की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है।
हिन्दी हमारी मातृभाषा है, और बहुत सम्पूर्ण, परिपक्व और मधुर भाषा है, जिस मे अपने विचारों को, भावों को प्रकट करना ना सिर्फ सरल है पर ज्यादा गहराई से, दिल से और सहजता से किया जा सकता है। परन्तु हमारी सामाजिक उपेक्षा का डर, व्यावसायिक जरूरत या संकीर्ण मानसिकता की वज़ह से हम परदेशी भाषा को अपनी प्रथम भाषा की जगह दे देते हैं।
आज उस मानसिकता की खोखली दीवारों के भी गिरने का शुभारंभ है।
हमारी भाषा हमारी माता के समान है। अपनी माता के प्रति जो हमारा प्रेम होता है वैसे ही प्रेम हमें अपनी मातृ-भाषा से करना चाहिए। आप सब को हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभ-कामनायें
गोपीकृष्ण बाली
दूसरा कारण है कि आज राधा अष्टमी भी है। मेरे आराध्य प्रभु श्री कृष्ण की आत्मस्वरूप और शक्ति का प्रतीक श्री राधा जी के निःस्वार्थ, निष्पाप और आत्मीय प्रेम का शुभारम्भ दिवस भी है इसलिए उसी कोटि के प्रेममय जीवन और प्रभु के संग आत्मिक मिलन की अनुभूति को अपने इस प्रयास मे सम्मिलित करने का प्रयास और उस प्रयास के अभ्यास को करने के आनंद को प्रकट करने का भी है।
अब मेरे जीवन का स्थाई लक्ष्य है कि अपने इस आनंद के अद्भुत स्रोत को अपने इस प्रयास, अभ्यास और विश्वास द्वारा संचित अनुभव को और ज्ञान को, अपने जीवन-यात्रा के अनेकों संस्मरणों को, सिलसिले वार आप सब के समक्ष पद्धतिबद्ध तरीके से प्रस्तुत करूँ।
भाव और मंशा सिर्फ एक कि हम सब अपने इस अद्भुत जीवन को एक नए सकारात्मक दृष्टिकोण से, एक नए अंदाज से, इस की अतुलित आनन्दित, असीमित क्षमताओं के साथ भरपूर जियें।
गोपीकृष्ण बाली
एक अनुरोध है आप सब से, जो इस शृंखला को सुन रहे हैं, पढ़ रहे हैं या देख रहे है कृपया पूर्व पूर्वाभास या पूर्वानुमान ना लगाएँ – इसे सहज सरल भाव से सुनें, पढ़े और देखें, समझें और अगर लगे कि हाँ कुछ उपयोगिता है तो तुरन्त प्रयोग मे लाएँ।
मेरे जीवन का निचोड़ यही है कि एक छोटा सा प्रयास, दिल से अभ्यास वह भी निरंतरता से, और अपने आप पर और कार्य पर पूर्ण विश्वास आप के जीवन के रंग – ढंग को बदल कर उस को एक नया आयाम दे सकता है।
चलिए शुरू करें अपनी पूर्ण क्षमता और प्रतिभा को जगाने का, बनाने का और आनंद मनाने के उत्सव को,
एक नई शुरुआत नया जीवन – अद्भुत आनंदित जीवन
अपना ध्यान रखिए क्योंकि आप अद्भुत अस्तित्व के धनी है, आप असीमित प्रतिभा के मालिक है, आप स्वः आनन्दित है, आप स्वयं अतुलित आनंद है।
कृपया GopiKrishan.in वेबसाइट को देखे, पढ़े, अपने सुझावों से अवगत कराएं और अपने उन अनुभवों को भी साँझा करें जिस से किसी के जीवन दशा या दिशा को बदला जा सकता है।
आप का साथी, मित्र, सखा, दोस्त, और परम शुभचिन्तक
गोपी कृष्ण बाली